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इन्शुरेंस वॉलंटियर

वॉलंटियर का मतलब है एक एजेंट्स बनने से पहले की प्रक्रिया से गुजरना हमारे अनुभव अनुसार क्योकि हर साल एजेंट्स बनाते जाते है परन्तु ट्रेनिंग सही प्रकार से ना होने पर अधिकतर अपनी एजेंसी बंद करवा बैठते है हमारे इस वॉलंटियर सिस्टम में सही और परिपक्व लोग इन्शुरेंस से जुड़ेंगे जो काम करना चाहते है या जो ट्रेड की मर्यादा को समझेंगे जिससे ना ग्राहक तंग होगा और ट्रेड को अधिक बिज़नेस मिलेगा हमारे इस सिस्टम व्यक्ति के लिए खुली छूट है की वह एजेंसी कोड लेकर काम करना चाहता है या नहीं पॉलिसी बिकने से पहले ग्राहक को ढूंढ़ना / पॉलिसी खरीदने का मन बनाना ही महतवपूर्ण काम होता और जो वॉलंटियर यह काम करना सीख जाता है और हमारी मदद करता है उसको हम पुरस्करित करते है और अपना वॉलंटियर कहते है

कामयाब वॉलंटियर बनने के बाद अथवा महीन से महीन पहलुओं को जानने के बाद यह व्यक्ति का निर्णय होता है की वह अपना खुद का एजेंसी कोड लेकर काम करना चाहता है या वॉलंटियर नेटवर्क में रह कर काम करना चाहता है

वॉलंटियर करते क्या है

इन्शुरेंस बेशक आज के समय की बड़ी जरूरत है और ग्राहक की जरूरत को पड़ना बहुत मुश्किल काम होता है और अक्सर ग्राहक को सही और जरूरत के मुताबिक पॉलिसी नहीं मिलती जिससे ग्राहक का कम्पनी से समन्वय नहीं बन पता इसी मुश्किल को हल करता है वॉलंटियर। वॉलंटियर अपने आस पास व हर किसी को इन्शुरेंस के प्रति जागरूक करता है और जरूरतमंद व्यक्ति को सही मार्गदर्शन, सलाह, सहायता, देता है और अपने द्वारा सिस्टम से जोड़ता है जहाँ उसको एजेंट्स से लेकर CLIA , CM Club , Galaxy  , लेवल के सभी से सहायता मिलती है और ग्राहक एक प्रोफेशनल लोगो की सर्विस से जुड़ा रहता है और अधिक से अधिक से बिज़नेस मिलता रहता है

याद करने के दौरान शांत धुन सुनना पसंद है तो पेज के अंत में चला लें

करना कैसे है

करना कैसे है यही तो सिखाता और बताता है वॉलंटियर सिस्टम आपको बेसिक जानकारी, सोशल पॉइंट्स, नए और पुराने कस्टमर के सभी सवालो और दिक्कतों से समाधान के जवाब अच्छी तरह से पता होने चाहिए, और इन सभी बातो की जानकारी इन पेजों पर पूर्ण तरह की दी गई है और फिर भी कोई सवाल है तो आप बेहिचक अपने सम्बन्धित अधिकारी से सम्पर्क कर सकते है

सोशल पॉइंट्स

इनकी कीमत इतनी होती है जितनी सब्जी में मसलो की इन्ही बातो से ग्राहक का मन पॉलिसी लेने का करता है ये पॉइंट्स ग्राहक के मन में पॉलिसी की जरूरत पैदा करते है और इन्ही बातों से आप पॉलिसी का विषय छेड़ सकते है और अगर ग्राहक का मन ना हो पॉलिसी के विषय पर बात करने का तो आप विषय बदल भी सकते है मतलब सोशल पॉइंट्स से आप ग्राहक का मन जांच सकते है की वह इन्शुरेंस के बारे में बात करना चाहता है भी या नहीं

Social Points  

# इन्शुरेंस जिंदगी, बच्चो और परिवार के लिए बहुत जरुरी है

# बैंको से अच्छा ब्याज मिलता है

# रिस्क कवर भी चलता रहता है

# बच्चो की पढ़ाई और शादी सुरक्षित हो जाती है

# पेंशन स्कीम भी मिलती है और किश्त सबसे कम होती है

# किश्त भरना बहुत आसान है

# मासिक, त्रिमाही, छिमाही सालाना जैसे आपकी मर्जी भरना ऑनलाइन पेटम सीधे बैंक से भी

# 300 महीने से प्रीमियम चालू होता है इतना टी इंसान का बजट होता ही है और हाँ अगर इतना भी बजट नहीं है फिर मैं खुद कहता पालिसी नहीं लेनी चाहिए

# पैसा हमेशा काम आता है

# आज थोड़ा थोड़ा इकठा करोगे तभी भविष्ये में काम आएगा

# 3 साल बाद लगभग बैंक की तरह समझो क्योकि जब आपको जरूरत हो अपनी रकम में से लोन ले सकते है

# पॉलिसी लेने के बाद आप किश्त कही से भी भर सकते है

# चाहो तो पॉलिसी ट्रांसफर भी करवा सकते हो

# भारत में कही का भी आधार कार्ड चल सकता है

# जन्म तारीख पूरी होनी चाहिए

# काफी प्रकार की मेसेज मोबइल पर ही आ जाते है

# अपनी पॉलिसी को कही से भी चेक कर सकते हो

# सिर्फ आधार कार्ड से पॉलिसी हो सकती है

# नॉमिनी 1 से अधिक भी हो सकते है

# पॉलिसी पर पता कही का लिखवा सकते हो

# लोन बिना किश्त का होता

# आप चाहे तो किश्त में भी भर सकते हो लोन का ब्याज रेडूसिंग होता है

LIC भारत सरकार का उपक्रम है, LIC अपनी कमाई का 5% भारत सरकार को देती है रॉयल्टी के रूप में बाकि का सारा प्रॉफिट पॉलिसीहोल्डर के लिए निगम में रहता है और निवेश होता रहता है, LIC  के पैसे की गारंटी भारत सरकार एक्ट 1956 सेक्शन 37 बनाया गया है, LIC अपने सारे पैसे को केंद्रीय सरकार के दिशा निर्देश अनुसार फंड निवेश करती है, बैंक्स की तुलना में LIC के पास सम्पति खरीदने का अधिकार है बैंक को नहीं, LIC  का क्लेम रेशो सबसे अच्छा है, LIC के पास किराया भी काफी आता है, LIC में सबसे सस्ता बीमा उपलब्ध है.

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