स्वामी गीतानंद जी ‘ भिक्षु ‘

siksha 3 1

* जीवन में सफलता चाहने वालो को एक एक पल का सदुपयोग करना चाहिए क्योकि गया हुआ सब कुछ वापिस मिल सकता है किन्तु गया हुआ जीवन वापिस नहीं मिल सकता ।

* प्राप्त सामर्थ्य का सदुपयोग करो, देने वाले ईश्वर का धन्यवाद करो ।

* प्राप्त हुए सामर्थ्य सुविधा का दुरूपयोग न करो , देकर देने का अभिमान न करो ।

* यह सब में बहुत बड़ी कमी हे जो की सब लोग दूसरे हर इंसान कमी में देखते हे

* दूसरे के गुण तथा अपने दोषो पैर नजर रखे ।

* कर्म करने से पहले कर्म, करता के अधीन होता है कर्म कर लेने के बाद फल भोगने के लिए कर्ता , कर्म के अधीन हो जाता है